पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का एक छोटा जहाज ग्वादर एयरपोर्ट पर टेक ऑफ के लिए बिल्कुल तैयार था

हमेशा की तरह यह एक रूटीन फ्लाइट थी पर आज का दिन पाकिस्तानी अथॉरिटीज के लिए किसी भी तरह से नॉर्मल नहीं था क्योंकि उस वक्त किसी को भी मालूम नहीं था कि जहाज में तीन हाईजैकर्स भी सफर कर रहे हैं अचानक तला मिली कि एक जहाज हाईजैक हुआ है अगले चंद घंटों में PIA की फ्लाइट 544 नेशनल और इंटरनेशनल मीडिया की हेडलाइंस बनने वाली थी पाकिस्तान जिसको सिर्फ 3 दिनों के बाद अपना पहला न्यूक्लियर टेस्ट करना था उनके लिए यह PIA की फ्लाइट 544 अगले कई घंटों के लिए इंतहा मुश्किल वक्त लेकर आई इतना मुश्किल कि पाकिस्तान को मजबूरन इंडिया का फ्लैग लहराना पड़ गया |
यह 25th May 1998 की शाम थी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस या फिर PIA की फ्लाइट 544 बलूचिस्तान के शहर तुर्बत से टेक ऑफ हुई और ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड हुई यह PIA का छोटा फोकर f27 एयरक्राफ्ट था जिसका ग्वादर एयरपोर्ट पर सिर्फ 20 मिनट का Stay था यहां तीन पैसेंजर्स उतर गए और एक नया पैसेंजर ऑन बोर्ड हो गया अब जहाज में टोटल 27 पैसेंजर्स और पांच क्रू मेंबर्स मौजूद थे
पैसेंजर बोटिंग के बाद जहाज में शाम के 5:55 मिनटों पर टेक ऑफ किया और अब इसका अगला और फाइनल स्टॉप कराची इंटरनेशनल एयरपोर्ट था जहां उसे ठीक 1 घंटे के बाद 6:55 मिनटों पर लैंड करना था ग्वादर एयरपोर्ट से टेक ऑफ किए अभी चंद मिनट ही गुजरे थे कि एक पैसेंजर उठा और कॉकपिट की तरफ जाने लगा जिस पर एयर हॉस्टेस ने उसको रोकना चाहा लेकिन वह शख्स एयर हॉस्टेस को धक्का देकर कॉकपिट के अंदर जाने में कामयाब हो गया |

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आपको यहां बताते चलें कि जिस वक्त PIA की फ्लाइट 544 में यह सब कुछ हो रहा था उसके ठीक तीन दिनों के बाद 28 मई 1998 वाले दिन पाकिस्तान को अपना पहला न्यूक्लियर टेस्ट बलूचिस्तान प्रोविंस में Chagai डिस्ट्रिक्ट की पहाड़ियों प करना था इस टेस्ट को पाकिस्तान ने Chagai -1 का नाम दिया और यह पाकिस्तान की History में एक बहुत इंपॉर्टेंट दिन था क्योंकि इंडिया अपना दूसरा न्यूक्लियर टेस्ट पोखन 2 इसी महीने की शुरुआत में कर चुका था दुनिया की नजर में पाकिस्तान न्यूक्लियर रेस में All Ready 24 साल पीछे था
क्योंकि इंडिया ने अपना पहला न्यूक्लियर टेस्ट पोखरा वन 1974 में किया यही वजह है कि अपने पहले न्यूक्लियर टेस्ट से पहले पाकिस्तान किसी किस्म की गड़बड़ नहीं चाहता था लेकिन ना चाहते हुए भी जिसका डर था वही हुआ उधर PIA की फ्लाइट 544 के कॉकपिट में जबरदस्ती घुसने वाले शख्स ने अपना पिस्टल निकाला और पायलट को कहा कि जहाज हाईजैक कर लिया गया है पैसेंजर केबिन में हाईजैकर के दो और साथी भी थे जब उन्होंने देखा कि पायलट काबू हो चुका है तो वह अपनी सीट से उठे और वेपंस के जोर पे तमाम पैसेंजर्स को होस्टेज बना लिया |
हाईजैकर्स ने सारे पैसेंजर्स को वार्निंग दी कि चालाकी दिखाने की सूरत में जहाज को बम से उड़ा दिया जाएगा जो इनमें से एक ने अपने जिस्म पर बांधा हुआ है अभी किसी को कुछ समझ आता इतने में पायलट ने भी अनाउंसमेंट करके इस बात की कंफर्मेशन कर दी PIA 544 के
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- नई दिल्ली, 11 जून। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय रेपर्टरी कंपनी के चल रहे समर थिएटर फेस्टिवल 2025 के अंतर्गत आज नाटक ‘बायेन’ का मंचन किया गया।
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कैब क्रू में पायलट कैप्टन Uzair Khan, कोपायलट फर्स्ट ऑफिसर Mohammad Faisal जबकि दो एयर हॉस्टेस Khalidda Afridi और Asma Irani समेत एक ग्राउंड इंजीनियर Sajjad Chaudhary भी शामिल थे तीनों हाईजैकर्स पढ़े लिखे नहीं लगते थे उन्होंने शलवार कमीज पहन रखी थी और क्योंकि वह तुरबत से बोर्ड हुए थे तो इस बात के काफी चांसेस थे कि इनका ताल्लुक भी बलूचिस्तान प्रोविंस से है पर
आखिर हाईजैकर्स की डिमांड क्या थी

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बलूचिस्तान प्रोविंस पाकिस्तान के साउथ में मौजूद यहां की सबसे बड़ी प्रोविंस है ब्रिटिश इंडिया के दौर से ही यहां के कुछ कबीले अपना अलग मुल्क चाहते थे लेकिन 1947 में पाकिस्तान और इंडिया का पार्टीशन हो गया और बलूचिस्तान को पाकिस्तान की प्रोविंस डिक्लेयर कर दिया गया तब से लेकर बलूचिस्तान के कुछ कबीले पाकिस्तानी गवर्नमेंट के खिलाफ हैं और बलूचिस्तान के नेचुरल रिसोर्सेस को इस्तेमाल करना इनको अच्छा नहीं लगता 28 May 1998 को अपना पह पहला न्यूक्लियर टेस्ट भी पाकिस्तान को बलूचिस्तान में ही जगाई डिस्ट्रिक्ट में करना था रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां की लोकल पॉपुलेशन को खतरा था कि अगर न्यूक्लियर टेस्टिंग इस एरिया में हुई तो इनको इसके भयानक Problem भुगतने परंगे |

बस इसी कॉन्फ्लेट को लेकर यह बात बलूच इंसर्जनल को अच्छी नही लगी और अपनी आवाज उठाने के लिए उन्होंने सिर्फ 3 दिन पहले PIA की फ्लाइट 544 को हाईजैक किया था उधर कॉकपिट में मौजूद हाईजैकर ने कैप्टन Uzair Khan से डिमांड की कि प्लेन को कराची के बजाय सीधा इंडिया के कैपिटल न्यू दिल्ली लेकर जाए हाईजैकर्स ने यह डिमांड क्यों की थी ऐसा माना जाता है कि शायद उनको इंडिया में लैंड करवाकर पूरी दुनिया की अटेंशन अपनी तरफ लानी थी उनका ख्याल था कि हम पाकिस्तानी गवर्नमेंट के खिलाफ हैं तो शायद हमें इंडिया में सॉफ्ट कॉर्नर मिल जाएगा क्योंकि ऐसा ही एक वाकया 5 साल पहले 1993 में हो चुका था |
इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 439 दिल्ली से मद्रास की तरफ जा रही थी जब उसको एक सिख ट्रक ड्राइवर ने अकेले हाईजैक किया और जहाज को पाकिस्तान में लाहौर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लेकर जाने की डिमांड की परमिशन ना मिलने पर जहाज को अमृतसर में ही लैंड करवाया गया जहां हाईजैकर ने मीडिया पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के बाद खुद को सरेंडर कर दिया |
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शायद बलोच हाईजैकर्स का भी ऐसा ही कोई प्लान था PIA फ्लाइट 544 के कैप्टन ने बंदूक की नोक के नीचे जहाज की डायरेक्शन इंडिया की तरफ कर दी और अनाउंसमेंट करके पैसेंजर्स को भी इतल दी कि हम इंडिया के शहर न्यू दिल्ली में लैंड करेंगे पर हाईजैकर्स को यह मालूम नहीं था कि कैप्टन ने चुपके से एयरक्राफ्ट का ट्रांसपोंडर हाईजैक मोड में कर दिया है जिससे ग्राउंड पर ट्रैफिक कंट्रोलर को सिग्नल जा चुका था कि फ्लाइट 544 हाईजैक हो चुकी है
PIA फ्लाइट 544 अब कराची को क्रॉस करती हुई पाकिस्तान इंडिया बॉर्डर की तरफ बढ़ रही थी इतने में पायलट ने हाईजैकर को कहा कि यह छोटा जहाज है इसमें इतना फ्यूल नहीं होता कि हम सीधा 1100 किमी दूर न्यू दिल्ली तक जा सके लिहाजा जहाज को कहीं रिफ्यूलिंग के लिए लैंड कराना पड़ेगा
पायलट ने हाईजैकर्स को कहा कि हमें इंडिया के बुज एयरपोर्ट पर लैंड करना चाहिए जो कि कराची से 300 किमी दूर गुजरात में मौजूद है हाईजैकर्स इस बात पर राजी हो गए तो पायलट ने कंट्रोल टावर से बात किया और बुज एयरपोर्ट पर लैंडिंग की परमिशन मांगी पर यहां पायलट Uzair Khan ने चालाकी दिखाई और असल में उन्होंने बुज एयरपोर्ट नहीं बल्कि पाकिस्तान के ही हैदराबाद एयरपोर्ट को कॉल मिलाई थी पूरे पाकिस्तान के एयरपोर्ट्स पर पहले से इंफॉर्मेशन पहुंच चुकी थी कि फ्लाइट PIA 544 हाईजैक हो चुकी है|
जिसकी वजह से हैदराबाद एयरपोर्ट का कंट्रोल टावर पहले से अलर्ट था आगे से हैदराबाद एयरपोर्ट की अथॉरिटीज ने भी खुद को बुज एयरपोर्ट ही जाहिर करते हुए कैप्टन को लैंडिंग की परमिशन दे दी इस वक्त रात हो चुकी थी और अब पूरे हैदराबाद में इमरजेंसी डिक्लेयर हो गई कि एक जहाज हाईजैक हो चुका है
जो कुछ ही देर में हैदराबाद एयरपोर्ट पे लैंड करेगा और सबसे बड़ा मसला यह कि हाईजैकर्स इस एयरपोर्ट को इंडिया का बुज एयरपोर्ट समझ रहे हैं एयरपोर्ट अथॉरिटीज को कहा गया कि वह फौरन पूरे एयरपोर्ट से तमाम निशानाथ मिटा दें जिससे एयरपोर्ट की पहचान होती है उन्होंने टर्मिनल की बिल्डिंग पर लिखा हुआ हैदराबाद एयरपोर्ट का नाम छुपा दिया पूरे एयरपोर्ट से साइन बोर्ड्स हटा दिए लाइट्स ऑफ कर दी गई और यहां तक के बिल्डिंग प लगे पाकिस्तान के झंडे को हटाकर इंडिया का झंडा भी लहरा दिया गया
इसके अलावा लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के साथ मिलकर पूरे हैदराबाद सिटी को ब्लैक आउट कर दिया गया ताकि लैंडिंग के वक्त हैदराबाद का कोई खास निशान हाईजैकर्स पहचान ना सकें रेंजर्स और पुलिस की गाड़ियां एयरपोर्ट पर ही अपनी लाइट्स बंद करके खड़ी हो गई लेकिन यह सब कुछ इतनी अचानक से हुआ कि किसी को भी अगला प्लान ऑफ एक्शन मालूम नहीं था रात गए PIA 544 ने हैदराबाद एयरपोर्ट पर आखिरकार लैंड कर लिया
एयरपोर्ट अथॉरिटीज ने जहाज की विंडोज के अंदर देखा तो एक हाईजैकर कॉकपिट में एक दरवाजे के पास जबकि तीसरा केबिन में टहल रहा था करीब एक घंटे तक खामोशी रही लेकिन फिर रात के 11:35 पे जहाज का दरवाजा खुला और अंदर से ग्राउंड इंजीनियर सज्जाद चौधरी को बाहर भेजा गया उनको खाना पानी लाने के लिए और एक खास पैगाम देकर भेजा गया था |
डरा सहमा हुआ ग्राउंड इंजीनियर एयरपोर्ट अथॉरिटीज के पास आया और पुलिस के सामने हाईजैकर्स की डिमांड रख दी हाईजैकर्स जो समझ रहे थे कि वह इंडिया के बुज एयरपोर्ट पे लैंड हुए हैं उनकी डिमांड थी कि वह इंडिया में पाकिस्तान हाई कमिश्नर से मीटिंग करना चाहते हैं उनकी सबसे बड़ी डिमांड बलूचिस्तान में न्यूक्लियर टेस्टिंग को रोकना था पुलिस को इंफॉर्मेशन दी गई कि आर्मी कमांडोज का एक दस्ता इस्लामाबाद से आ रहा है तब तक वह हाईजैकर्स का टाइम किसी भी तरह से जाया करते रहे
लिहाजा पुलिस वालों ने खुद को इंडियन जाहिर करके हाईजैकर्स से इंटरेक्शन करने का फैसला किया सीनियर सुपरडेंट ऑफ पुलिस अख्तर गौरचा ने अपना नाम मनोज कुमार रखा एएसपी उस्मान अनवर रामचंद्र बने और डिप्टी कमिश्नर सोहेल शाह गोपी चंद उस वक्त उनको जो नाम समझ आया उन्होंने रख लिया
और हिम्मत करके सिविल ड्रेस में प्लेन के करीब गए उन्होंने हाईजैकर्स और पैसेंजर्स को खाना दिया और उनसे बड़े फ्रेंडली अंदाज में मिले एसएसपी अख्तर गोरचार्ज लैंग्वेज जानते थे वह हाईजैकर्स की आपसी गुफ्तगू को बड़ी आसानी से समझ पा रहे थे लेकिन उन्होंने शक नहीं होने दिया पुलिस ऑफिसर्स ने हाईजैकर्स के साथ कई घंटे गुजारे और उनके बीच ट्रस्ट का लेवल बढ़ चुका था |
उनको बताया गया कि पाकिस्तान हाई कमिश्नर न्यू दिल्ली से निकले हैं और उनको यहां पहुंचने में थोड़ा वक्त लगेगा जबकि असल में वह आर्मी कमांडोज का वेट कर रहे थे एसएसपी ने अपने इंटरव्यू में बता बताया कि सुबह होने में अब सिर्फ दो घंटे बचे थे लेकिन आर्मी कमांडोज का कोई अता पता नहीं था
“अब मैं उनको बार-बार कह रहा हूं कि यार अब कमांडोज किस वक्त आएंगे यह कोई हद हो गई है मतलब पाच घंटे गुजर गए अब थोड़ी देर में घंटे दो बाद यहां फजर की अजान शुरू हो जाए ”
लिहाजा हाईजैकर्स के साथ ट्रस्ट लेवल जब काफी हद तक बढ़ गया तो दोनों पुलिस ऑफिसर्स और एक डिप्टी कमिश्नर ने खुद ही एक्शन करने का फैसला किया एक मौके पर तीनों ने एक साथ हाईजैकर्स पर जपता मारा और उनको काबू करके उनसे वेपंस छीन लिए बाद में मालूम पड़ा कि उनके पास कोई बॉम भी नहीं था तीनों हाईजैकर्स का असल नाम शाह सवार बलोच साबिर बलोच और शब्बीर रिंद बताया गया जबकि वह प्लेन में जमाल हुसैन अनवर हुसैन और गुलाम हुसैन के नामों से ट्रेवल कर रहे थे इस पूरे क्लाइमेक्स में कोई कैजुअलिटी नहीं हुई और तमाम पैसेंजर्स को सेफली वापस उसी जहाज में कराची रवाना कर दिया गया
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