भारत की सांस्कृतिक विरासत और एकता की सूत्रधार है हिंदी


हिंदी सिर्फ एक भाषा ही नहीं बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत और एकता को एकसूत्र में पिरोने वाली सूत्रधार है ।आज
हिंदी विश्व पटल पर बना चुकी है अपनी पहचान ।उक्त बातें सार्क इंटरनेशनल स्कूल के प्रिंसिपल हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने स्कूल कैंपस में आयोजित हिंदी दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हुए कही।उन्होंने कहा कि हिंदी भारत और हर भारत वासी की पहचान है इसे और समृद्ध करने की जरूरत है।विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा में तीसरे नंबर पर हिंदी का होना भारत के लिए गौरव का विषय है।
हिंदी दिवस पर हिंदी के शिक्षकों का हुआ सम्मान
हिंदी दिवस के अवसर पर सार्क इंटरनेशनल स्कूल में हिंदी के शिक्षक आशीष मिश्रा को मो उबैद और जेबा को नेहा द्वारा सम्मानित किया गया।प्रिंसिपल ने स्कूल मैनेजमेंट की ओर से हिंदी शिक्षण में अपने शिक्षकों की सराहना करते हुए बच्चों के अंदर हिंदी की समझ और विकसित करने की अपील की।
बच्चों की प्रस्तुति रही दमदार
हिंदी दिवस पर सार्क इंटरनेशनल स्कूल के बच्चों ने भी हिंदी के महत्व पर अपनी बातें रखी। तलत जिया रहमान ने ‘ मैं हिंदी की ओ बेटी हूं ,जिसे उर्दू ने पाला है,अगर हिंदी की रोटी है तो उर्दू का निवाला है ‘ की प्रस्तुति दे सबका दिल जीत लिया। माही दिनकर ,सोनाबिया प्रवीन ने ‘ भारत मां की शान है हिंदी,हम सब की अभिमान है हिंदी ‘ है कि प्रस्तुति दे हिंदी के महत्व को रेखांकित किया।वहीं खुशी सज्जाद और आर्यन रंजन ने कहा कि हिंदी भारत के अलग अलग राज्यों की धर्म जाति,संस्कृति,वेशभूषा को जोड़ने का काम करती है।भारत की बड़ी आबादी की पहचान है हिंदी।प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पहल से 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने की पहल शुरू हुई।सबको मिलकर हिंदी को आगे ले जाने की जरूरत है।इस अवसर पर सभी शिक्षकों सहित बड़ी संख्या में छात्र छात्राओं की उपस्थिति रही।