नाबालिग पर बरते सख्ती , अन्यथा रफ्तार पर ब्रेक लगाना होगा मुश्किल
दीपशिखा
राष्ट्रीय राजमार्ग ही नहीं गांव की सड़कों पर भी इन दिनों बच्चों ने स्टेयरिंग थाम रखा है । जिसे यातायात व्यवस्था तो प्रभावित हो ही रही है साथ ही बड़ी घटना होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। बच्चों के हाथ में स्टेयरिंग थामने में अभिभावक का भी बहुत बड़ा योगदान है। जिसके कारण सड़क पर दो पहिया और चार पहिया वाहन की संख्या दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है। सरकार बार बार आम लोगों से अपील करती है कि बच्चों को गाड़ी चलाने ना दे यहां तक कि ट्रेफिक व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए कई कदम भी उठा रही है लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है ।
क्या है यातायात नियम
नाबालिग यानी 16 साल से 18 साल तक के बच्चों के लिए 50 सीसी का बाइक ही चलाने की अनुमति है । इन बच्चों के लिए लिए विद आउट गियर वाला लाइसेंस जारी किया जाता है । लेकिन अभिभावक इसे स्कूटी समझ बैठते हैं। जिसके कारण सड़क पर यातायात नियम का पालन ढंग से नहीं हो पाता है । जबकि 15 साल से कम उम्र के बच्चे सिर्फ साइकिल का इस्तेमाल कर सकते हैं ।मोटर वाहन संशोधित अधिनियम 2019 में कई प्रावधान हैं, जो बेहद कड़े हैं और इन्हीं में से एक है नाबालिग के गाड़ी चलाने को लेकर है । अगर कोई नाबलिग दोपहिया या चार पहिया वाहन चलाता हुआ पकड़ा जाता है, तो ऐसी स्थिति में गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रद्द हो सकता है। साथ ही अभिभावक और गाड़ी मालिक दोनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है। साथ ही ऐसे बच्चे जो 18 साल की उम्र से कम हैं वाहन चलाते पकड़े जाते हैं तो उनका लाइसेंस 18 साल बाद नहीं बल्कि 25 साल बाद बनाया जा सकता है। इसके लिए जिला परिवहन विभाग से अनुमति लेना होता है। सरकार ने सड़क पर दुर्घटना को रोकने के लिए बड़े ठोस कदम उठाए हैं लेकिन उसका पालन धरातल पर नहीं हो रहा है। जिसके कारण बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता है।
नहीं होता है चालान
संशोधित मोटर अधिनियम में कहा गया है कि यदि कोई नाबालिग बाइक या कार चलाते हुए पकड़ा जाता है तो 5 हजार रुपए का जुर्माना तो वसूला जाएगा ही साथ ही बाइक या कार का रिजेस्ट्रेशन भी रद्द किया जा सकता है। इसके बावजूद सड़क पर रफ्तार में कमी नही आई है । थाना क्षेत्र में ट्रेफिक व्यवस्था नहीं रहने के कारण यहां कोई कारवाई भी नहीं होती है । बच्चे अकसर तेज रफ्तार में गाड़ी चलाना अपना शौक समझते हैं इससे ज्यादा नुकसान अन्य वाहन चालक को उठाना पड़ता है । होली के दिन मुख्य मार्ग पर बाइक के आमने सामने की टक्कर में मौत इसका सबसे बड़ा कारण था ।
अभिभावक या वाहन मालिक भी दिखाए रुची
नाबालिग को गाड़ी चलाने से रोकने के लिए अभिभावक या वाहन मालिक को ठोस कदम उठाना पड़ेगा । यदि वो ऐसा करने में कामयाब होते हैं तो सड़क पर छोटी बड़ी घटना में कमी आ सकती है और लोगों के जान बचाए जा सकते हैं।
नाबालिगों को मोटर वाहन चलाने से रोकना महत्वपूर्ण है। यह नाबालिगों की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है। इससे सड़कों को सुरक्षित बनाने में भी मदद मिलती है। नाबालिगों को मोटर वाहन चलाने से रोकने के लिए सख्त नियम बनाए गए हैं।
नाबालिग पर बरते सख्ती , अन्यथा रफ्तार पर ब्रेक लगाना होगा मुश्किल
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