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♦️ डॉ. शैलेश सिंह नेपाल की राजधानी काठमांडू में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में होंगे विशिष्ट वक्ता

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टॉपिक है “वाणिज्य, प्रबंधन, मानविकी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में त्वरित वृद्धि के लिए अभिनव प्रयास”

“यह संगोष्ठी केवल वैचारिक विमर्श नहीं, बल्कि एक विचारशील पथिक की साधना का विस्तार है — जिसकी गूंज सीमाओं से परे जाकर संस्कृति, शिक्षा और आध्यात्मिक मूल्यों का संदेश देती है।”— प्रो. (डॉ.) अनुराग अग्रवाल

जयनगर/काठमांडू ।

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के अंतर्गत डी.बी. कॉलेज, जयनगर के वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेश कुमार सिंह को नेपाल की राजधानी काठमांडू में आयोजित होने वाली एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में विशिष्ट वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया है। यह संगोष्ठी 12-13 जून 2025 को आयोजित होगी।

इस दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन एस.एस. पी.जी. कॉलेज, शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश), नॉवेल एकेडमी, पोखरा (नेपाल) एवं मॉडल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, काठमांडू के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। इस अवसर का संयोजन अखिल भारतीय प्रबंध विकास परिषद, नई दिल्ली द्वारा किया जा रहा है।

समकालीन विषय पर होगा मंथन

इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय अत्यंत समसामयिक और दूरदृष्टिपूर्ण है:
“वाणिज्य, प्रबंधन, मानविकी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में त्वरित वृद्धि के लिए अभिनव प्रयास”।

डॉ. शैलेश सिंह इस संगोष्ठी के तकनीकी सत्र को संबोधित करेंगे और भारत में वाणिज्य और प्रबंधन के क्षेत्र में नवाचारों की भूमिका पर अपना दृष्टिकोण साझा करेंगे।

सीमाओं से परे संस्कृति और शिक्षा का संदेश

कार्यक्रम की अध्यक्षता करने वाले प्रो. (डॉ.) अनुराग अग्रवाल, वाणिज्य विभागाध्यक्ष, एस.एस. पी.जी. कॉलेज, शाहजहांपुर ने कहा:

“यह संगोष्ठी केवल एक वैचारिक चर्चा नहीं, बल्कि एक विचारशील पथिक की साधना का विस्तार है – जिसकी गूंज सीमाओं से परे जाकर संस्कृति, शिक्षा और आध्यात्मिक मूल्यों का संदेश देती है।”

उन्होंने बताया कि संगोष्ठी में नेपाल, भूटान, दक्षिण अफ्रीका सहित भारत के विभिन्न राज्यों — बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, ओडिशा, दिल्ली आदि — से सैकड़ों शोधार्थी, शिक्षक एवं विशेषज्ञ भाग लेंगे।

शुभकामनाओं की बधाई

डॉ. शैलेश सिंह को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आमंत्रित किए जाने पर कई शिक्षाविदों और सहकर्मियों ने प्रसन्नता जताते हुए बधाई दी है। इनमें शामिल हैं:

प्रो. (डॉ.) एच.के. सिंह, विभागाध्यक्ष, वाणिज्य विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी, डॉ. मीरा सिंह, वरिष्ठ शिक्षाविद, यू.पी. कॉलेज, वाराणसी,डॉ. नंद कुमार, प्राचार्य, डी.बी. कॉलेज, जयनगर, प्रकाश प्रियांशु, युवा शिक्षाविद, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर,डॉ. जयशंकर सिंह, दरभंगा, डॉ. जमील हसन अंसारी, डॉ. रूद्र किंकर वर्मा, डॉ. अखिलेश श्रीवास्तव, डॉ. स्वीटी सिंह, डॉ. भोला नाथ ठाकुर,डॉ. धर्मेंद्र कुमार,
डॉ. अनंतेश्वर यादव ।

सभी विद्वानों ने आशा व्यक्त की है कि यह संगोष्ठी भारत और दक्षिण एशिया में ज्ञान-विनिमय के नए द्वार खोलेगी और भारत की बौद्धिक प्रतिभा को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित करेगी।

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