पूर्व कुलपति ने दिया संदेश—ज्ञान को समाज व राष्ट्र के उत्थान में करें समर्पित, विद्यार्थियों की उपलब्धियों से महाविद्यालय को मिला सम्मान
मधेपुरा ।
ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा के स्नातकोत्तर गणित विभाग की ओर से शनिवार को विदाई सह सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। यह अवसर सिर्फ भावनात्मक विदाई का नहीं, बल्कि उपलब्धियों के सम्मान का भी गवाह बना।
कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व कुलपति प्रो. ज्ञानंजय द्विवेदी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। अपने संबोधन में उन्होंने शिक्षा की महत्ता पर बल देते हुए कहा, “शिक्षा ही मनुष्य को पशु से अलग करती है। हमें निरंतर ज्ञान प्राप्त करते हुए उसे समाज और राष्ट्र के कल्याण में लगाना चाहिए।” उन्होंने विद्यार्थियों से जीवन में निरंतर परिश्रम करने और लक्ष्य के प्रति समर्पित रहने की अपील की।
गौरवशाली इतिहास और नई ऊंचाइयों की ओर
मुख्य अतिथि, महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि यह संस्थान उनका भी गुरुकुल रहा है और आज उसका नेतृत्व करना सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा, “यह महाविद्यालय शिक्षा, अनुशासन और उपलब्धियों के लिए जाना जाता है, और इसे और ऊंचाइयों तक ले जाना हम सभी की जिम्मेदारी है।”
विद्यार्थी ही महाविद्यालय के ब्रांड एंबेसडर
विशिष्ट अतिथि डॉ. सुधांशु शेखर (विभागाध्यक्ष, दर्शनशास्त्र) ने विद्यार्थियों को महाविद्यालय के ‘ब्रांड एंबेसडर’ की संज्ञा दी और कहा कि उनकी सफलता ही कॉलेज की पहचान बनती है।
गणित विषय की संभावनाएं उजागर
सम्मानित अतिथि असिस्टेंट प्रोफेसर दीपक कुमार राणा ने गणित विषय की लोकप्रियता और करियर की अपार संभावनाओं पर चर्चा की।
पसंद के क्षेत्र में करियर बनाने पर जोर
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गणित विभागाध्यक्ष ले. गुड्डु कुमार ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा, “अपने पसंद के क्षेत्र का चुनाव करें और उसमें खुद को श्रेष्ठ साबित करें।”
हर विद्यार्थी को मिला स्मृति चिह्न
सत्र 2023–25 के सभी विद्यार्थियों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन संतोष कुमार व बुलबुल कुमारी ने किया तथा प्रिंस कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
प्रतियोगिता में सफल विद्यार्थियों का सम्मान
हाल ही में विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कई विद्यार्थियों को भी विशेष पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया। उपस्थित प्रमुख नामों में बाबू साहेब, आर. के. रंजन, धीरज कुमार सुमन, सोनी कुमारी, आनंद कुमार, मीतेश कुमार, शुभम सौरव, सुमन कुमार, नूतन कुमारी, अभिनंदन कुमार, साक्षी कुमारी, और प्रिंस झा सहित दर्जनों छात्र-छात्राएं शामिल रहे।
यह समारोह न केवल एक विदाई, बल्कि एक नई शुरुआत का प्रतीक था—जहां सम्मान, प्रेरणा और उम्मीद की एक नई रोशनी हर छात्र के मन में जल उठी।
