दीपशिखा – बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय महामाया प्रसाद सिन्हा की 113वीं जयंती के अवसर पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, बिहार प्रदेश द्वारा एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन पटना के गणपति उत्सव गार्डन, यारपुर में किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत महामाया बाबू के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। इस दौरान उपस्थित वक्ताओं ने उनके संघर्षपूर्ण जीवन, राजनीतिक योगदान और सामाजिक सरोकारों पर प्रकाश डाला। उन्हें एक ईमानदार, निर्भीक, दूरदर्शी तथा जनसेवाभावी नेता बताया गया, जिनका संपूर्ण जीवन सार्वजनिक हितों के लिए समर्पित रहा।
महामाया प्रसाद सिन्हा (1 मई 1900 – 1980) भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और 1967 में बिहार राज्य के मुख्यमंत्री बने। वे उस दौर के अकेले मुख्यमंत्री थे जिन्होंने कांग्रेस के बाहर से सत्ता संभाली और अपने कार्यकाल में प्रशासनिक सुधार, सामाजिक न्याय और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए। वे कायस्थ समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों में गिने जाते हैं, जिन्होंने सत्यनिष्ठा और सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया।
श्रद्धांजलि सभा में सैकड़ों की संख्या में गणमान्य नागरिक, समाजसेवी, छात्र-छात्राएं तथा कायस्थ समाज के सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में महामाया बाबू के आदर्शों पर चलने और उनके सपनों के बिहार को साकार करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन महासभा के पदाधिकारियों द्वारा किया गया।
