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सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए करें पत्रकारिता की पढ़ाई : अतुल गंगवार

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नई दिल्ली, 25 अप्रैल। दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ भीमराव अंबेडकर महाविद्यालय के हिंदी पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ने एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला और प्रतियोगिता का आयोजन किया। कार्यशाला में एंकरिंग और रिपोर्टिंग, ऑडियो और वीडियो पॉडकास्ट, लघु फिल्म और डाक्यूमेंट्री तथा टेलीविजन न्यूज पैकेज प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं जिसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया और अपनी रचनाधर्मिता से सभी को आकर्षित किया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध लेखक और फिल्म निर्माता अतुल गंगवार उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में एबीपी न्यूज के क्रिएटिव हेड संजय नंदन, गुजरात विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राज चावला ,और कॉलेज प्राचार्य प्रो. सदा नंद प्रसाद उपस्थित रहे।
प्रो. सदानंद प्रसाद ने कहा कि प्रतियोगिताओं में सहयोगियों से विद्यार्थियों में उत्साह और कुछ नया करने का जज्बा पैदा होता है।
विषय परिवर्तन करते हुए कार्यशाला सह-संयोजक प्रो. बिजेंद्र कुमार ने कहा कि यह कार्यशाला वर्तमान में अध्यनरत विद्यार्थियों को अपने सीनियरों से मिलने और जुड़ने का अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों ने प्रतियोगिताओं में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया है जो कि उनके रचनात्मकता दिखाता है।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए अतुल गंगवार ने कहा कि पत्रकारिता की पढ़ाई केवल डिग्री प्राप्त करने के लिए नहीं होता है बल्कि यह समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि भाषाई दक्षता से ही इस क्षेत्र में ऊंचाइयों तक पहुंचा जा सकता है।
पूर्ववर्ती छात्र और क्राइम तक के वरिष्ठ पत्रकार चिराग गोठी ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज के दौर में सभी एंकर है। अच्छे एंकर होने के लिए विषय की गहरी समझ होनाआवश्यक है । उन्होंने यह भी बताया कि टेलीप्रोमाप्टर का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए।
एबीपी के क्रिएटिव हेड संजय नंदन ने कहा कि कॉलेज आकर हमेशा अच्छा लगता है और यहां के शिक्षक बहुत सहयोगी है जो कि विद्यार्थियों का सदैव साथ देते हैं। उन्होंने बताया कि आजकल बोलना सब चाह रहे हैं लेकिन सुनना कोई नहीं चाहता है।अच्छा पत्रकार बनने के लिए सबसे पहले सुनने और पढ़ने की कला विकसित करनी होगी, तभी आपको मीडिया में जगह मिल पाएगी।
प्रो राज चावला ने रिपोर्टिंग के संदर्भ में कहा कि कैमरे के सामने घबराहट आम बात है।जैसे – जैसे समय बीतता है ,अनुभव के साथ सब ठीक हो जाता है।
मनीष राज मासूम ने पॉडकास्ट के प्रतिभागियों को बताया कि पॉडकास्ट आम आदमी का माध्यम है जिसमें आप बनावटीपन या दिखावा शामिल नहीं कर सकते हैं। इस माध्यम में मन से भाव निकलते हैं। उन्होंने कहा कि इस विधा में झूठ नहीं बोला जा सकता क्योंकि ऐसा करते हुए आप दिखेंगे तो फंस जाएंगे। उन्होंने बताया कि पॉडकास्ट को सफल और आकर्षक बनाने के लिए गहन अध्ययन की जरूरत होती है।
समापन सत्र को संबोधित करते हुए जी माडिया के बिजनेस हेड सुशांत मोहन ने कहा कि डिजिटल माध्यम के आगमन के बाद से रोजगार की संभावना पत्रकारों के घर तक पहुंच गई है। तकनीक और भाषा को सीखकर पत्रकारिता के कैरियर में सफल हो सकते है।
कार्यशाला की शुरुआत मां सरस्वती के समक्ष दीपार्जन के साथ हुई। अतिथियों का स्वागत पौधा और स्मृतिचिन्ह देकर किया गया। लघु फिल्म और डाक्यूमेंट्री में निर्णायक की भूमिका में प्रसिद्ध फिल्मकार संजीव वेदवान और इग्नू के एसोसिएट प्रोफेसर अमित कुमार उपस्थित रहे। हिंदी पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की संयोजिका प्रो शशि रानी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस कार्यशाला से विद्यार्थियों को काफी कुछ सीखने को मिला है और भविष्य में भी विभाग ऐसे कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा। कार्यशाला के अंत में विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। कार्यशाला में प्रो. चित्रा रानी, प्रो. ममता वालिया, प्रो. कुसुम नेहरा, डॉ. विनीत कुमार, डॉ. राकेश कुमार, डॉ. सुभाष गौतम, डॉ. प्रवीण झा,डॉ. अनिल कांबले, डॉ आदर्श मिश्र, अंशुमन के साथ भारी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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