मुख्य संवाददाता
**तिरुवन्नामलाई, तमिलनाडु | 24 अप्रैल जब पूरा देश *पहलगाम जैसी अमानवीय घटना* से आहत है, जब मासूमों की चिताएं राष्ट्र की आत्मा को झकझोर रही हैं, तब एक स्वर गूंजता है —
*प्रार्थना करो। सेवा करो। एकजुट रहो।*
औशिम खेतरपाल — एक आध्यात्मिक पथप्रदर्शक, चमत्कारी साधक, और परम साईं भक्त — ने देशवासियों से एक विशेष आह्वान किया:
“प्रार्थना करें, दो व्यक्तियों को भोजन कराएँ और गौसेवा करें — यही मेरा जन्मदिन का सबसे सुंदर उपहार होगा।”
उनका यह संदेश न केवल अक्षय श्री साईं ध्यान सभा मंदिर (तमिलनाडु का प्रथम साईं बाबा मंदिर) में गुंजायमान हुआ, बल्कि २०० से अधिक लोगों को भोजन कराकर और गौ माता की सेवा कर इस भावना को जन-जन तक पहुँचाया गया।
इस जून में होने वाले “रेडिएंट डिफरेंटली एबल्ड स्पोर्ट्स अवार्ड्स” अब केवल पुरस्कार नहीं,
बल्कि बलिदान, साहस और सहानुभूति के प्रतीक होंगे।
यह मंच उन परिवारों के सम्मान में समर्पित रहेगा,
जिन्होंने हाल की त्रासदी में अपनों को खो दिया।
यह कोई दान नहीं है — यह हमारी राष्ट्रीय जिम्मेदारी है।
यह भारत का धर्म है।
यह हमारे संस्कारों की परंपरा है।
जो टूट गए हैं — उन्हें हम सहारा देंगे।
जो रो रहे हैं — उनके साथ हम प्रार्थना करेंगे।
और जो आशा रखते हैं — उनके साथ हम चलेंगे।
जय हिंद। जय साईं राम।
*अरुणाचलेश्वर की कृपा और साईं बाबा का आशीर्वाद हम सब पर बना रहे।