मिथिला विश्वविद्यालय के एनएसएस समन्वयक की अध्यक्षता में कार्यक्रम पदाधिकारियों की ऑनलाइन समीक्षा बैठक आयोजित

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कुलपति के आदेश से रिक्त पदों पर पदाधिकारियों की होगी नियुक्ति, सभी पदाधिकारी किए जाएंगे प्रशिक्षित- डॉ चौरसिया

प्रतिनिधि दीपशिखा

अगले माह एनएसएस कार्यक्रमों में वृक्षारोपण, स्वच्छता, स्वास्थ्य, पर्यावरण, फलेरिया, कैंसर, रक्तदान जागरूकता की रहेगी प्रमुखता

सितंबर माह के अंत तक चालू शैक्षणिक सत्र में प्रत्येक इकाई में 100 स्वयंसेवकों के नामांकन करें सुनिश्चित- समन्वयक

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के नवनियुक्त एनएसएस समन्वयक डॉ आर एन चौरसिया की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के चार जिलों- दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर तथा बेगूसराय के एनएसएस पदाधिकारियों की ऑनलाइन बैठक हुई, जिसमें गत माह आयोजित कार्यक्रमों की समीक्षा की गई तथा अगले माह की कार्य- योजनाओं पर गहन विचार- विमर्श किया गया। बैठक में ऑफलाइन मोड में स्थानीय सी एम साइंस कॉलेज के डॉ सत्येन्द्र कुमार झा, एमएलएसएम कॉलेज के डॉ सुबोध चन्द्र यादव तथा कुमार नरेन्द्र नीरज, महात्मा गांधी कॉलेज के डॉ अविनाश कुमार, जेएन कॉलेज, नेहरा के विपिन कुमार राम और डॉ विक्रम कुमार एवं बीएम कॉलेज, रहिका के डॉ संतोष कुमार तथा ऑनलाइन मोड में डॉ सहर अफरोज, डॉ रवीन्द्र कुमार मुरारी, रामागर प्रसाद, डॉ मनोज कुमार सिंह, डॉ लक्ष्मण यादव, डॉ सुनील कुमार सिंह, डॉ गंगासागर दीनबंधु, शशि शेखर द्विवेदी, ब्रजेश कुमार, डॉ राजीव रोशन, डॉ बबीता कुमारी, डॉ दिलीप कुमार झा, डॉ रश्मि कुमारी, डॉ सगुफ्ता खानम, मुकुल किशोर वर्मा, डा बिन्देश्वर यादव, डॉ सोनी शर्मा, डॉ सुनीता कुमारी, डॉ मो फैयाज अहमद, डॉ अभिमन्यु कुमार, डॉ मो मंजर हुसैन, डॉ मनोज झा, डॉ सरोज राय, डॉ कृष्ण कुमार पासवान, अरुण कुमार, डॉ शबनम कुमारी तथा अमित कुमार झा आदि उपस्थित थे।
समीक्षा बैठक में समन्वयक डॉ चौरसिया ने प्रत्येक पदाधिकारी से उनके द्वारा संपादित गत माह के सभी कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी प्राप्त की तथा अगले माह आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी प्राप्त कर उनकी गहन समीक्षा की, आवश्यक सुझाव दिए। इसके अनुसार अगले माह एनएसएस के कार्यक्रमों में स्वच्छता, स्वास्थ्य, पर्यावरण, शिक्षा, फलेरिया, कैंसर, नशा एवं रक्तदान आदि से संबंधित जागरूकता तथा वृक्षारोपण, शिक्षादान आदि कार्यक्रमों की प्रमुखता रहेगी।
समन्वयक डॉ चौरसिया ने सितंबर माह के अंत तक वर्तमान शैक्षणिक सत्र हेतु प्रत्येक इकाई में कुल 100 स्वयंसेवकों के नामांकन सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए सभी पदाधिकारियों से कार्यक्रमों के संपादन में आ रही कठिनाइयों को धैर्य पूर्वक सुना तथा उनका व्यावहारिक एवं यथोचित निदान बताकर पदाधिकारियों को संतुष्ट करने का सार्थक प्रयास किया। उन्होंने बताया कि कुलपति से आदेश प्राप्त कर रिक्त पदों पर एनएसएस पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी तथा उन्हें रामकृष्ण आश्रम, नरेंद्रपुर, कोलकाता से आवासीय प्रशिक्षण दिलवाया जाएगा, ताकि वे नियमानुसार गुणवत्तापूर्ण कार्यक्रम एवं शिविर आयोजित कर सकें।


बैठक में समन्वयक ने सभी पदाधिकारियों का स्वागत करते हुए बारी- बारी से परिचय प्राप्त किया।
डॉ चौरसिया ने पदाधिकारियों को एनएसएस की सफलता हेतु अनेक गुर सिखाते हुए कहा कि प्रत्येक माह नियमित रूप से कम से कम दो- तीन कार्यक्रम जरूर आयोजित करें, छात्र- छात्राओं को यथोचित मदद करें, सही दिशा- निर्देश दें तथा उनपर अच्छी पकड़ बनाए रखें। स्वयंसेवकों को समय- समय पर प्रमाण पत्र आदि दें, जिम्मेदारी दें, उनपर विश्वास करें तथा उनके अच्छे कार्यों के लिए प्रशंसा भी करते रहे। कम से कम इनपुट में ज्यादा से ज्यादा आउटपुट देने का प्रयास करें। प्रत्येक माह कॉलेज स्तर पर भी समीक्षा एवं कार्य- योजना संबंधी बैठकों का आयोजन करें, जिसमें स्वयंसेवक भी शामिल हो। इकाई स्तर पर सलाहकार समिति का गठन कर वर्ष में दो बार बैठक करें। 2024 के अंत तक गोद लिए गए गांव/मोहल्ले में 50 स्वयंसेवकों का विशेष शिविर आयोजित करें।
बैठक में कार्यक्रम पदाधिकारियों ने डॉ चौरसिया को एनएसएस समन्वयक बनने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। अंत में एनएसएस कार्यालय के सहायक अमित कुमार झा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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