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पी.जी.डी.ए.वी. कॉलेज का 68वां स्थापना दिवस समारोह

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दिनांक 21 अगस्त 2025, गुरुवार को पी.जी.डी.ए.वी. कॉलेज, नेहरू नगर में संस्थान के 68वें स्थापना दिवस के अवसर पर भारतीय संस्कृति सभा तथा संस्कृत विभाग के संयुक्त तत्त्वावधान में एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम कॉलेज परिसर में गरिमामयी वातावरण में संपन्न हुआ, जिसमें अनेक छात्र, प्राध्यापकगण एवं आमंत्रित अतिथिगण उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ तथा कॉलेज के प्राचार्य प्रो. दरविंदर कुमार ने मुख्य वक्ता तथा अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका स्वागत किया। इसके पश्चात् कार्यक्रम के संयोजक डॉ. रामवीर जी ने प्राचार्य का स्वागत किया तथा विषय पर प्रकाश डाला। प्राचार्य महोदय ने अपने वक्तव्य द्वारा छात्रों का उद्बोधन किया तथा डी.ए.वी संस्था के ऐतिहासिक योगदान पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर डॉ. छवि कृष्ण शास्त्री जी ने मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित होकर “आधुनिक भारत के निर्माण में डी.ए.वी की भूमिका” विषय पर सारगर्भित विचार प्रस्तुत किए। अपने व्याख्यान में आचार्य शास्त्री जी ने वेदों, उपनिषदों तथा स्मृतियों से उदाहरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि कैसे डी.ए.वी आंदोलन ने भारतीय शिक्षा प्रणाली को एक नई दिशा दी। उन्होंने कहा कि डी.ए.वी संस्थानों ने स्वामी दयानंद सरस्वती के सिद्धांतों पर चलते हुए आधुनिक शिक्षा को भारतीय संस्कारों से जोड़ा, जिससे एक संतुलित एवं सशक्त समाज का निर्माण संभव हो सका।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए छवि कृष्ण जी ने अपने जीवन के कई प्रेरणादायक संस्मरण भी साझा किए, जिनमें डी.ए.वी से जुड़ी उनकी व्यक्तिगत स्मृतियाँ शामिल थीं। उनके अनुभवों ने उपस्थित विद्यार्थियों को जीवन में सच्चे मूल्य अपनाने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। इस व्याख्यान ने न केवल छात्रों को अपने अतीत और परंपरा से जोड़ने का कार्य किया, बल्कि उन्हें यह भी समझाया कि आधुनिक भारत के निर्माण में प्रत्येक नागरिक की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है।
व्याख्यान के पश्चात् प्रश्नोत्तर सत्र में छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और विविध जिज्ञासाओं को शांत किया। कार्यक्रम में संस्कृत विभाग के वरिष्ठ आचार्य प्रोफेसर दिलीप कुमार झा तथा प्रोफेसर गिरधर गोपाल शर्मा की विशेष उपस्थिति रही। इनके अतिरिक्त संस्कृत विभाग के अन्य प्राध्यापक डॉ. वशिष्ठ बहुगुणा, डॉ. ऋचा, डॉ. पूजा, डॉ. कुलदीप, डॉ. राजेश कुमार तथा डॉ. रोहित कुमार भी उपस्थित रहे। वाणिज्य विभाग के डॉ. विवेक दुबे, डॉ. सुचित्रा तथा सांख्यिकी विभाग की डॉ. कनिका की भी उपस्थिति रही। कार्यक्रम का समापन संस्कृत विभाग की प्रभारी तथा कार्यक्रम की सह-संयोजिका डॉ. प्रमिता मिश्रा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन से हुआ, जिसमें उन्होंने प्राचार्य महोदय तथा कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. छवि कृष्ण शास्त्री जी का आभार प्रकट करते हुए उनके विचारों को अत्यंत प्रेरणादायक बताया।

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