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दिल्ली के क़ुतुब मीनार में संगीत का आयोजन

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नई दिल्ली, 24 नवम्बर। इंकपॉट इंडिया ने आज ‘सॉन्ग्स ऑफ़ द स्टोन’ नामक एक भावपूर्ण सांस्कृतिक पहल की घोषणा की, जिसका उद्देश्य भारत के ऐतिहासिक स्मारकों को समकालीन संगीत के माध्यम से एक नई जीवनधारा देना है। मैक्स एस्टेट्स के सहयोग से प्रस्तुत और दिल्ली पर्यटन तथा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा समर्थित यह श्रृंखला 13 दिसंबर 2025 को शाम 7:00 बजे दिल्ली के भव्य क़ुतुब मीनार में अपने पहले अध्याय के साथ आरंभ होगी। यह संध्या संगीत, इतिहास और स्मारक की रात्रिकालीन कथाओं को एक साथ बुनते हुए, भारत की सबसे प्रतिष्ठित स्थापत्य धरोहरों में नई जीवन-धारा प्रवाहित करेगी।

इस श्रृंखला की परिकल्पना इंकपॉट इंडिया की संस्थापक और स्टैनफोर्ड व कोलंबिया विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा सिमर मल्होत्रा द्वारा की गई है। इस पहल मकसद स्मारकों को एक जीवंत सांस्कृतिक मंच के रूप में पुनः परिभाषित करना है, जहाँ वास्तुकला, स्मृति और कलात्मक नवाचार एक-दूसरे से मिलते हैं।यह एक ऐसा अनुभव होगा जहाँ पत्थरों की खामोशी संगीत में बोलेगी।

कार्यक्रम के केंद्र में हैं पुरस्कार विजेता सितार वादक मेहताब अली नियाज़ी, जिनकी संगीत यात्रा शास्त्रीय रागों की गहराई को जैज़ और समकालीन फ्यूज़न की सहजता के साथ बुनती है। उनके साथ एक विशिष्ट संगीतकारों का समूह होगा। खुर्रम अली नियाज़ी, ज़रघम अक़राम ख़ान, दिव्यम गौर, रणजॉय दास, दानिश अली और मोनिस अली, जो तबला, मल्टी-पर्कशन, गिटार, ड्रम्स और परिवेशी ध्वनियों को मिलाकर एक बहुरंगी ध्वनि परिदृश्य रचेंगे। इस प्रस्तुति में मेहताब की अब तक अप्रकाशित मौलिक रचनाओं के प्रीमियर भी शामिल होंगे।

संध्या का आरंभ लेखक, वक्ता और क्यूरेटर एरिक चोपड़ा से होगा, जो इतिहासोलॉजी के संस्थापक हैं। वे क़ुतुब परिसर और मेहरौली के परिदृश्य में निहित बहुस्तरीय कथाओं और सभ्यतागत इतिहासों को उजागर करेंगे।जैसे ही सांझ ढलेगी, दर्शक एक बहु-इंद्रिय अनुभव में डूब जाएंगे — जिसमें विशेष रूप से तैयार की गई सुगंधित धुनें, गरम क़हवा, इंडो-फ़्यूज़न व्यंजन और स्मारक पर बिखरी कोमल, वातावरणीय रोशनी शामिल होगी। यह सब मिलकर इस विरासत स्थल को ध्वनि और छाया के एक अंतरंग कैनवास में रूपांतरित कर देगा

इंकपॉट इंडिया की मूल भावना पर प्रकाश डालते हुए, संस्थापक और क्यूरेटर सिमर मल्होत्रा ने कहा:
“इंकपॉट का सार है भीतर झाँकना और हमारी सांस्कृतिक धरोहर की गहराइयों को आत्मसात करना। हमारा उद्देश्य केवल संरक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि उसे नए दृष्टिकोण से पुनर्परिभाषित करना है। ताकि भारत की कलात्मक अभिव्यक्तियाँ समकालीन वैश्विक चेतना में प्रेरणा का स्रोत बनें और अपनी गूंज से दूर-दूर तक प्रतिध्वनित हों।

इंकपॉट इंडिया की पूर्व पहलों में शामिल हैं। इंकपॉट इंडिया कॉन्क्लेव, जिसमें डॉ. शशि थरूर, संजॉय के रॉय, शोभा डे, शोवना नारायण और सुनीता कोहली जैसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों ने भाग लिया; ‘इंकपॉट इन द नेबरहुड’, जो उभरते कवियों और संगीतकारों के लिए एक पोषक मंच है; तथा साहित्यिक संवादों और पुस्तक चर्चाओं की एक विशेष रूप से संजोई गई श्रृंखला।‘सॉन्ग्स ऑफ़ द स्टोन’ एक दीर्घकालिक राष्ट्रीय पहल का शुभारंभ करेगा, जिसका उद्देश्य भारत के विरासत स्थलों पर गहन और भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई कलात्मक अनुभूतियों को उजागर करना तथा उन्हें जीवंत सांस्कृतिक अनुभवों में रूपांतरित करना है।

यह कार्यक्रम एक्सक्यूरेटर्स इवेंट्स प्रा. लि. के सहयोग से प्रस्तुत किया गया है, जो एक ऐसी संस्था है जो भारत की समृद्ध विरासत को समकालीन दर्शकों तक पहुँचाने वाले अनुभवात्मक सांस्कृतिक मंचों के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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