Headlines

मानव की धरती पर चित्रकार की रचना में विकास यात्रा को शामिल किया गया है।

Spread the love

सहयोगी संवाददाता अंशु कुमार।

नई दिल्ली,1 नवंबर। इंडिया इंटरनेशनल सेंटर नई दिल्ली एनेक्सी में महत्वपूर्ण चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन चल रहा है। यह चित्रकला प्रदर्शनी युवा पेंटर व संस्कृत कर्मी अनिरुद्ध कुमार के दवारा लगाई गई है, उन्होंने पिछले 12 वर्षों से अपने चित्रकला के माध्यम से कई महत्वपूर्ण पेंटिंग बनाए है। जो मुख्यतः प्राकृतिक रंगों और मसालों के सहायता से निर्माण किया गया है। इस प्रदर्शनी में इनके चित्रकारी का विषय मुख्य रूप से मानव विकास को लेकर है। अनिरुद्ध की चित्रकारी मानव के धरती पर विकास यात्रा को दिखती है। चित्रों में दिखाया गया है कि कैसे मानव ने धरती पर एक सभ्य तरीके से रहना शुरू किया था।उनकी पेंटिंग की थीम बैक बोर्न फार्मर, डेवलपमेंट द ग्रैंड स्टोरी, द स्टोन, हिस्ट्री ऑफ़ नेचर और एवोल्यूशन ऑफ़ ह्यूमर है।

चित्रकार के चित्रों में मानव के धरती पर विकास यात्रा को दर्शाती है। चित्रों में दिखाया है कि कैसे मानव ने धरती पर एक सभ्य तरीके से रहना शुरू किया था। उन्होनें कहा कि इस चित्र में मानव के जीवन के शुरुआत से लेकर कृषि और पशुपालन करने तक की प्रक्रिया को दिखाया है, जिसमें शुरुआत में तस्वीर विष्णु के मत्स्य अवतार से शुरू किया है, जिसमें वे धीरें-धीरें मानव एक जानवर से धीरे-धीरे मनुष्य के जीवन के तरफ़ के विकाश यात्रा का दिखा रहें हैं। इनमें पुरापाषाण काल, मध्यपाषाण काल, नवपाषाण काल के बारें में अपने चित्रकारी के मध्याम से बताया है। इनके चित्र में ये दिखा कि मनवा कैसे शिकार करते थे, उनका औजार कैसा होता था, उनका रहन सहन, वे कैसे आंग जलतें थे साथ की उनकी शिकार से लेकर पशुपालन, कृषि तक के सफ़र के अपने चित्र में जगह दिए थे। चित्र में जितने भी रंगों का उपयोग किया गया था वें सभी प्राकृतिक रंग थे।जिनमें मसालों, पत्तियों, गोबर आदि से बने रंगों का उपयोग किया गया था।
अनिरुद्ध कुमार बताते है कि मैंने अपनी शिक्षा अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय, भोपाल, मध्य प्रदेश में प्रवेश लिया। मध्य प्रदेश में रहते हुए मैं भीमबेटका गया और वहाँ हमारे पूर्वजों की शिलाओं और चित्रों ने मेरे हृदय को ऐसे छेद दिया जैसे किसी ने मुझमें ज्ञान की बाढ़ ला दी हो और वहीं से मेरा मार्ग खुल गया। मैंने वो देखना शुरू किया जो आज के लोग शायद देखना नहीं चाहते। मैंने वो पीढ़ी देखी जो लाखों साल पहले प्रागैतिहासिक काल में, हमारे पूर्वज जो भी काम करते थे, जो भी संसाधन उनके पास थे, उसी से अपनी आजीविका चलाते थे। लेकिन जब हमारे जीवन में प्रगति हुई, तो अंत हमारे करीब आ गया। लेकिन मैं अपने पूर्वजों की उन घटनाओं को दिखाना चाहता हूँ, कि कैसे उन्होंने कम चीजों में अपना जीवन जिया और खुश रहे। मैं बस अपनी पेंटिंग के माध्यम से इस दुनिया को अपना काम दिखाना चाहता हूँ और जो भी दिखाऊँगा वह मेरा शोध और सच्ची घटना होगी, किसी गलत प्रेमी की नहीं। आप इस पेंटिंग से प्रभावित होंगे और देखेंगे क्योंकि मैं वो खोज रहा हूँ जिसे कोई भी खोजना नहीं चाहता। यह पेंटिग में पिछले 12 वर्षों से लगातार कर रहा हूँ।
अनिरुद्ध का लक्ष्य अपने पूर्वजों की कहानियों को अपनी कला के माध्यम से दुनिया तक पहुँचाना है , यह दिखाते हुए कि वे कम संसाधनों में भी कैसे खुशहाल जीवन जीते थे । वह अपनी पेंटिंग को अपना “शोध और सच्ची घटना” मानते हैं । 2025 में उनकी पहली एकल प्रदर्शनी आयोजित हुई , जहाँ उन्हें प्रधानमंत्री को एक पेंटिंग भेंट करने का सम्मान मिला, जिसके लिए प्रधानमंत्री ने पत्र लिखकर उनकी प्रशंसा की । उन्हें 2021 में एक नेशनल ऑनलाइन आर्ट एग्जीबिशन में “अपकमिंग स्टार अवार्ड” श्रेणी में गोल्ड अवार्ड भी मिल चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Top