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एसएससी परीक्षा में अव्यवस्था के विरुद्ध आंदोलन कर रहे छात्रों पर बल-प्रयोग निंदनीय : डॉ. वीरेंद्र सोलंकी

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नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप), कर्मचारी चयन आयोग (एस.एस.सी) परीक्षा में हुई अनियमितताओं, प्रशासनिक अव्यवस्था तथा अभ्यर्थियों के साथ हुए दुर्व्यवहार पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई की मांग करती है। गत माह आयोजित एसएससी परीक्षाओं के दौरान परीक्षा केंद्र निर्धारण में गड़बड़ी, तकनीकी समस्याओं के चलते परीक्षाओं का बाधित होना तथा दिल्ली स्थित डीओपीटी कार्यालय के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर बलप्रयोग जैसी घटनाओं ने परीक्षा एजेंसी और पूरी प्रणाली की पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं।

एसएससी द्वारा आयोजित महत्वपूर्ण परीक्षाओं में लाखों युवा अपने बेहतर भविष्य की उम्मीदें लेकर सम्मिलित होते हैं, उसके आयोजन में अव्यवस्था तथा पारदर्शिता का अभाव अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। अभाविप परीक्षाओं में सदैव पारदर्शिता और शुचिता की पक्षधर रही है। इस प्रकरण में परीक्षा एजेंसी द्वारा प्रवेश पत्र निर्धारित समय से मात्र दो दिन पूर्व जारी करना, अनेक अभ्यर्थियों को सुदूर केंद्र आवंटित करना, परीक्षा के दौरान कुछ केन्द्रों पर तकनीकी समस्याएं उत्पन्न होना और विरोध करने पर अभ्यर्थियों के साथ दुर्व्यवहार की घटना अत्यंत निंदनीय हैं। अभाविप इसका विरोध करते हुए दोषियों पर अविलंब कठोरतम कार्रवाई हेतु मांग करती है।

पूर्व सूचना के बिना परीक्षा को रद्द किया जाना, परीक्षा एजेंसी की पूर्ण विफलता को दर्शाता है। इससे अभ्यर्थियों का समय, श्रम, आर्थिक संसाधन और मानसिक ऊर्जा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। अभाविप, इस पूरे घटनाक्रम की निंदा करते हुए स्पष्ट मांग करती है कि एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित कर दोषियों को दंडित किया जाए, रद्द की गई परीक्षाओं की तिथि शीघ्र घोषित की जाए, केंद्र निर्धारण में पारदर्शिता लाई जाए तथा अभ्यर्थियों से सम्मानजनक संवाद स्थापित किया जाए। अभाविप, देशभर के आंदोलित अभ्यर्थियों से अपील करती है कि वे किसी भी प्रकार की भ्रामक अथवा अपुष्ट जानकारी से बचें तथा अपनी मांगों को संयमित, तथ्यपरक और स्पष्ट रूप में रखें।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि एसएससी द्वारा आयोजित परीक्षा में अनियमितता केवल प्रशासनिक अव्यवस्था नहीं अपितु युवाओं के आत्मसम्मान और उनके भविष्य के साथ किया गया अन्याय है। देश की इस महत्वपूर्ण परीक्षा के आयोजन में संवेदनशीलता, पारदर्शिता और जवाबदेही सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। अभाविप का स्पष्ट मत है कि दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई की जाए, रद्द परीक्षाओं की तिथि शीघ्र घोषित हो और अभ्यर्थियों की मांगों पर समुचित कार्रवाई हो। अभाविप देशभर के अभ्यर्थियों के साथ खड़ी है और उनके न्याय के लिए प्रत्येक स्तर पर संघर्षरत रहेगी।

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