“समाज बदलेगा, जब युवा सुधरेंगे”—नशे को कहें ‘ना’, जीवन को अपनाएं ‘हाँ’
अररिया/डा. रूद्र किंकर वर्मा।
जिले में युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति और इसके गंभीर सामाजिक प्रभावों को देखते हुए, उड़ान फाउंडेशन ने नशा मुक्ति के क्षेत्र में उल्लेखनीय पहल करते हुए जागरूकता और पुनर्वास की दिशा में अपने प्रयासों को और तेज कर दिया है। ज़ीरोमाइल स्थित नशा मुक्ति केंद्र पर संस्था द्वारा युवाओं को नशे की गिरफ्त से बाहर निकालने के लिए निःशुल्क परामर्श, उपचार और पुनर्वास सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
संस्था के संस्थापक साकेत सौरभ एवं सौरभ राज ने बताया कि केंद्र में स्मैक, ब्राउन शुगर, डेंड्राइट, व्हाइटनर, गांजा, चरस, अफीम, शराब, कफ सिरप, इंजेक्शन जैसी घातक लतों से ग्रसित युवाओं का मानवता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के आधार पर उपचार किया जाता है। साथ ही, उन्हें मानसिक तनाव, पारिवारिक कलह और सामाजिक बहिष्कार जैसी चुनौतियों से उबरने के लिए व्यक्तिगत व समूह परामर्श भी दिया जाता है।
उड़ान फाउंडेशन का मानना है कि “हर नशे में डूबा युवा, यदि सही मार्गदर्शन और सहयोग पाए, तो वह समाज का सम्मानित और जिम्मेदार नागरिक बन सकता है।” इसी सोच के साथ संस्था ने जागरूकता अभियान, कार्यशालाएं, सामुदायिक संवाद एवं पुनर्वास कार्यक्रमों की नियमित श्रृंखला शुरू की है।
संस्था की टीम यह भी प्रयास कर रही है कि स्थानीय स्कूलों, कॉलेजों, सामाजिक संगठनों, पंचायत प्रतिनिधियों और प्रशासन के सहयोग से एक जनजागरण अभियान चलाया जाए, जिससे अररिया को एक नशामुक्त मॉडल जिला के रूप में स्थापित किया जा सके।
उड़ान फाउंडेशन ने अभिभावकों, शिक्षकों, युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे आगे आएं और इस अभियान को जनआंदोलन का रूप दें। क्योंकि जब युवा सुधरेंगे, तभी समाज भी बदलेगा।