नवाचार और समर्पण की मिसाल बने शिक्षक, जिले को शिक्षा के मानचित्र पर दिलाई खास पहचान
डा. रूद्र किंकर वर्मा, अररिया।
शिक्षा में गुणवत्ता और नवाचार के क्षेत्र में अररिया जिले ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT), पटना के परिसर में आयोजित राज्य स्तरीय टीचिंग लर्निंग मटेरियल (TLM) मेला 2.0 में जिले के पांच शिक्षकों ने अपनी रचनात्मकता और शैक्षणिक नवाचार के दम पर राज्यभर के प्रतिभागियों के बीच अपनी अलग पहचान बनाई है। यह उपलब्धि सीमावर्ती जिले के लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं मानी जा रही है।
टीएलएम नवाचार में अररिया के पांच शिक्षक बने राज्य के लिए प्रेरणा
राज्यस्तरीय मंच पर मध्य विद्यालय जयनगर, भरगामा के गणित शिक्षक निर्मल कुमार सिंह, मध्य विद्यालय गौररहा, फारबिसगंज के अमित केशरी, और प्राथमिक विद्यालय धोबी टोला, फारबिसगंज की खुशनेदा तब्बसुम को राज्यस्तरीय श्रेष्ठ शिक्षक के रूप में चयनित किया गया। वहीं, मध्य विद्यालय लक्ष्मीपुर, रानीगंज की रंजीता शर्मा को पर्यावरण अध्ययन में द्वितीय स्थान और केएमएस बेलवा टप्पू टोला, अररिया के अंग्रेजी शिक्षक राणा शाहजी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
इस मेले में अररिया के कुल 10 शिक्षकों ने विभिन्न विषयों में भाग लिया था, जिनके द्वारा प्रस्तुत स्वनिर्मित टीएलएम (शिक्षण सहायक सामग्री) को 33 विषय विशेषज्ञों की निर्णायक मंडली ने मूल्यांकित किया।
टीएलएम: बच्चों की सीखने की जिज्ञासा को जगाने का सशक्त माध्यम
विजेता शिक्षकों ने बताया कि टीएलएम न केवल शिक्षण को रोचक बनाता है, बल्कि बच्चों की सृजनात्मकता, जिज्ञासा और सहभागिता को भी बढ़ावा देता है। यह कक्षा को सिर्फ पढ़ने-पढ़ाने की जगह नहीं, बल्कि अनुभव आधारित अधिगम का केंद्र बना देता है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जताया गर्व, कही प्रेरणा की बात
जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा, “शिक्षकों ने यह सिद्ध कर दिया है कि अररिया जिले भी शैक्षिक नवाचार में किसी से कम नहीं हैं। इन शिक्षकों की सफलता जिले के अन्य शिक्षकों के लिए प्रेरणा बनेगी और एक नई शैक्षिक संस्कृति को जन्म देगी।”
उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में अररिया से और भी शिक्षक राज्य और राष्ट्रीय मंचों पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।
अररिया की शैक्षिक छवि को मिली नई उड़ान
राज्य स्तरीय मंच पर मिली यह सफलता अररिया जिले की शैक्षिक प्रतिबद्धता और गुणवत्ता में सुधार का परिचायक है। यह सिर्फ शिक्षकों की व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि जिले की सामूहिक शैक्षिक प्रगति का प्रतीक है।
अररिया जैसे सीमावर्ती जिले के लिए यह सफलता एक संकेत है कि समर्पण, नवाचार और प्रतिबद्धता के साथ अगर शिक्षक कार्य करें, तो किसी भी बाधा को पार किया जा सकता है। यह उपलब्धि अररिया को राज्य के शैक्षिक मानचित्र पर एक प्रेरणादायक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
