शिशु रोग विभाग में हर वर्ष तीन प्रशिक्षु डॉक्टरों को मिलेगा उच्च स्तरीय प्रशिक्षण, एनबीईएमएस ने 5 वर्षों के लिए दी मान्यता
अररिया/डा. रूद्र किंकर वर्मा।
उत्तर-पूर्व बिहार के अररिया जिले ने चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। सदर अस्पताल, अररिया को नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (NBEMS) से डीएनबी (डिप्लोमा ऑफ नेशनल बोर्ड) कोर्स की मान्यता प्राप्त हुई है। यह मान्यता शिशु रोग (पेडियाट्रिक्स) विभाग के लिए प्रदान की गई है, जिसके तहत प्रति वर्ष तीन प्रशिक्षु डॉक्टरों को पोस्ट-एमबीबीएस डिप्लोमा कोर्स में दाखिला मिलेगा।
इस उपलब्धि के साथ अररिया का सदर अस्पताल उत्तर-पूर्व बिहार का पहला जिला अस्पताल बन गया है जिसे यह प्रतिष्ठित शैक्षणिक स्वीकृति मिली है। यह न केवल अररिया बल्कि पूरे बिहार के लिए गर्व का क्षण है।
स्वीकृति का औपचारिक समझौता, मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम
बुधवार को एनबीईएमएस के राज्य स्तरीय अधिकारी प्रभाकर सिन्हा और नीलाभ राज ने सदर अस्पताल का दौरा किया और सिविल सर्जन डॉ. केके कश्यप को डीएनबी कोर्स से संबंधित आधिकारिक इकरारनामा सौंपा। इस दौरान जिले के स्वास्थ्य पदाधिकारी, विशेषज्ञ डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन की उपस्थिति में इस महत्वपूर्ण घोषणा को साझा किया गया।
पांच वर्षों के लिए स्वीकृति, बिहार व राष्ट्रीय कोटा दोनों के लिए खुलेंगी सीटें
डीएनबी अधिकारी प्रभाकर सिन्हा ने जानकारी दी कि सदर अस्पताल को जनवरी 2025 से दिसंबर 2029 तक के लिए यह मान्यता दी गई है। कोर्स में प्रवेश नीट-पीजी (NEET-PG) के माध्यम से होगा। तीन में से आधी सीटें बिहार राज्य के एमबीबीएस डिग्रीधारकों के लिए और आधी सीटें नेशनल कोटा के अंतर्गत आरक्षित होंगी। इससे बिहार के छात्रों को अपने ही राज्य में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को मिलेगा नया आयाम
सिविल सर्जन डॉ. केके कश्यप ने इस उपलब्धि को जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए “मील का पत्थर” बताया। उन्होंने कहा कि अब अररिया में तीन प्रशिक्षु डॉक्टरों को प्रतिवर्ष तीन विशेषज्ञ फैकल्टी के निर्देशन में उन्नत प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे स्थानीय स्तर पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी और स्वास्थ्य सेवाओं में गुणात्मक सुधार होगा।
टीम वर्क की जीत: अररिया बना मेडिकल एजुकेशन का केंद्र
इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए डॉ. कश्यप ने सदर अस्पताल की पूरी टीम को बधाई दी और कहा कि यह सामूहिक प्रयास और मजबूत टीम वर्क का नतीजा है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में यह पहल न केवल चिकित्सा शिक्षा को मजबूत करेगी, बल्कि अररिया जिले को स्वास्थ्य सेवा का मॉडल बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगी।
उपस्थित अधिकारी
इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. मोइज, प्रभारी अधीक्षक डॉ. आकाश कुमार राय, डीपीएम संतोष कुमार, एवं अन्य चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने इस पहल को जिले के लिए “स्वास्थ्य और शिक्षा के समागम की ऐतिहासिक घड़ी” करार दिया।